New education policy For class 6th to 8th: Ai aur programming सीखेंगे छोटे बच्चे
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने इस नए सत्र 2024-25 को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। अब यूपी जिलें में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के सभी बच्चे एआई और कोडिंग और डिजिटल लिट्रेसी भी पढ़ेंगे।
CODING aur AI school me kab se sikhai jayegi : कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को AI और कोडिंग कब से पढ़ाई जाएगी
एससीईआरटी के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. श्री पवन सचान जी ने बताया है कि लगभग 19 जनवरी से 21 जनवरी तक यूपी जिले में और उत्तराखंड में , हरियाणा और कर्नाटक में, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशकों के साथ शिक्षा में नवाचार को लेकर इंफोसिस की ओर से कार्यशाला का भी आयोजन कर दिया गया था। आंध्र प्रदेश के कुप्पम में एआई पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में स्कूली शिक्षा में इसके समावेश व विस्तार पर चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश में इस विषय को लेकर पहले से ही तैयारियां की जा रही हैं। इस कार्यशाला में मिले बहुत से महत्वपूर्ण सुझावों को भी शामिल करते हुए बहुत जल्द ही हम इसे प्रभावी करेंगे।
NEW AI, CODING SIKSHAK BHARTI 2024 : 2024 में निकलने वाली है नई शिक्षक भर्ती
उत्तर प्रदेश में कक्षा 6 से 8 के सभी विद्यार्थी आगामी सत्र 2024-25 से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), कोडिंग(CODING) और डिजिटल लिट्रेसी की भी पढ़ाई करवाई जाएगी। राज्य के सैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने इसकी तैयारी काफी तेज कर दी है। अभी हाल ही में संस्थान का एक दल आंध्र प्रदेश में भेजा गया था। जहां पर से इससे जुड़ी बहुत जानकारियां हमने जुटाई हैं। इस AI aur CODING को पढ़ाने के लिए सरकार को टीचरों की आवश्यकता होगी तो वह इस लैंग्वेज को और एआई पड़ाने के लिए नई शिक्षक भर्ती का आयोजन करेंगे। उस भर्ती में आप भी अपना फॉर्म भर के अगर पास हो गए और सेलेक्ट कर लिए गए तो आपको एआई और कोडिंग पढ़ाई जाएगी जिसके जरिए से आप सभी बच्चों को पढ़ा सके।
SHIKSHAK KO TRENING BHI KARVAI JAYEGI : सभी टीचरों को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी
एक तरफ प्रदेश की फाउंडेशन स्टेज की राज्य पाठ्यचर्या तैयार की जा रही है। वहीं पर नए सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम भी कक्षा एक-दो में लागू किया जा रहा है। विद्यार्थि को इसकी जानकारी देने के साथ-साथ ही डिजिटल लिट्रेसी पर भी काफ़ी जोर दिया जाएगा।
संस्थान इसके लिए सभी जिलो में लगभग चार-चार शिक्षकों को बतौर मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग भी दे रहा है।